
SMS Help line to Address Violence Against Dalits and Adivasis in India
Type ATM < your message > Send to 9773904050
]
यह घटना तहसील बंगाणा के गांव रिबाड़ की है। इस गांव में शोकू देवी पत्नी सुनील कुमार रहती है. उसकी उम्र 26 वर्ष की है. वह अनुसूचित जाति में से चमार जाति से सम्बन्धित है. उसका पति मजदूरी का काम करता है। उसका स्थाई पता गांव रिबाड़ डाकघर हटली, तहसील बंगाणा जिला ऊना है।
शोकू देवी के गांव की आंगनवाडी में सहायिका (हेल्पर) की पोस्ट खाली हुई जिसको भरने की तिथि जुलाई महीने की रखी गई थी। उसने सभी शर्तों सहित आँगनवाडी सहायिका (हेल्पर) की पोस्ट के लिए आवेदन भरा। उसके साथ ही गांव से दो अन्य ने भी आवेदन किया। जिसमे एक लड़की व गांव की एक महिला थी (दोनों जाति ब्राहमण से)। आँगनवाडी में इस पोस्ट की साक्षत्कार की दिनाक 7 जुलाई थी। लेकिन एक मिली भगत व एक साजिश के तहत नीलम कुमारी पत्नी अरुण कुमार जाति ब्राहमण निवासी गांव रिबाड़, डाo हटली, तहसील बंगाणा, जिला ऊना को इस सहायिका (हेल्पर) की पोस्ट पर नियुक्त कर दिया गया। नीलम कुमारी ने इस सहायिका (हेल्पर) पोस्ट के लिए कम आय 48000/- का प्रमाण पत्र बनवाया जबकि नीलम कुमारी का पति व ससुर खैरों के पेड़ो की कटान की ठेकेदारी करते हैं। नीलम कुमारी के परिवार के पास दो गाड़ियां तथा एक ट्रैक्टर तथा स्कूटी मोटर साइकिल व एक अलिशान कोठीनुमा चार मंजिला मकान है।
शोकू देवी बहुत ही निर्धन व गरीब परिवार से सम्बन्धित फिर भी पटवारी व प्रधान द्वारा उसका आय प्रमाण पत्र 49500/- का बनाया गया। शोकू देवी का ससुराल पक्ष दान दी गई थोड़ी सी ज़मीन में सरकारी ग्रांट से बने मकान में रह रहा है। वह अपने पति के साथ जिस कच्चे मकान में रह रही थी वह मकान भी बरसात में गिर गया है अब वह और उसका पति व उसकी छोटी बच्ची, सास ससुर व उसका जेठ दो कमरों में गुजारा कर रहे है। मकान गिरने पर शोकूदेवी को पटवारी द्वारा कोई मदद ना दी गई। इसके साथ ही अब शोकू देवी के परिवार को पीने के पानी से भी वंचित किया जा रहा है। इनका घर आखिर में है और जान बुझ कर इनके ही घर के लिए IPH विभाग द्वारा पानी कंट्रोल बाल लगा दिया गया है जिस कारण शोकू देवी के घर पीने का पानी तक नहीं आ रहा।
शोकू देवी आँगनवाडी में सहायिका (हेल्पर) पोस्ट के योग्य है और अपनी सारी ओपचारिक्ताएं सम्पूर्ण करती है। पर उसके साथ धोखा कर उस से आँगनवाडी में सहायिका (हेल्पर) की पोस्ट ले ली गई है इस घटना को लेकर शोकू देवी ने NCDHR-NDMJ टीम के साथ मिलकर जिला अतिरिक्त उपायुक्त को शिकायत पत्र दिया गया और शोकू देवी को आँगनवाडी में सहायिका (हेल्पर) की पोस्ट पर बहाल किया जाए बारे व नीलम कुमारी की आँगन वाडी में सहायिका (हेल्पर) पोस्ट को रद्द किया जाए बारे व उसकी आय की जांच करवाई जाए बारे व उसके झूठे आय प्रमाण पत्र को रद्द किया जाए बारे शिकायत पत्र के माध्यम से गुहार लगाईं गई. नीलम कुमारी का पति अपने परिवार का एकलोता बेटा है और उसके परिवार वाले जान बुझ कर उसको अलग बता रहे है।
यह घटना तहसील बंगाणा के गांव कोलका (रायेपुर मैदान) की है। इस गांव में सरोज कुमारी पत्नी स्व: श्री सतीष कुमार व सुपुत्री श्री केसरी लाल रहती है. उसकी उम्र 45 वर्ष की है. वह अनुसूचित जाति में से चमार जाति से सम्बन्धित है. उसके पति ने 18 वर्ष पहले उसे बच्चों सहित घर से निकाल दिया था उसके बच्चे छोटे थे सरोज कुमारी अपने मायके आ कर अपने भाई के मकान में रहने लगी. मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों को पाल रही है. अब उसके पति का भी देहांत हो गया है वह 18 वर्ष से अपने मायके में रह रही हूँ और मजदूरी करके अपने बच्चों सहित जीवन गुजर वसर कर रही है. सरोज के घर का पूरा पता गांव कोलका डाकघर रायपुर मैदान तहसील बंगाणा, जिला ऊना, हिमाचल प्रदेश है.
राजकीय प्राथमिक पाठशाला कोलका में मिड डे मील वर्कर का पद रिक्त होने पर स्कूल प्रबंधन समिति ने मिड डे मील वर्कर रखने के लिए नोटिस निकाला जिसमें पहले आवेदन पत्र लेने की तिथि 4 नबम्वर 2025 रखी गई थी. जब कोई आवेदन पत्र नहीं आया तो आवेदन के लिए तारीख बदल कर 10 नबम्वर 2025 रख दी गई. इस पद की प्राप्ति हेतु सरोज कुमारी ने अपना आवेदन पत्र लेकर 10 नबम्वर को 4:40 बजे SMC अध्यक्ष श्री प्रदीप कुमार की दुकान पर गई. उनकी दूकान जो कि पाठशाला के गेट के पास ही है. वहां पर श्री प्रदीप कुमार मौजूद नहीं थे उनकी पत्नी शर्मीला जो पहले हेल्पर कुक थी अब पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर के पद पर कोलका स्कुल में ही कार्यरत है वहां पर थी उसने अपने पति को कई फोन किये पर वो नहीं आये. उस समय सरोज कुमारी के साथ केन्द्र मुख्य शिक्षक रमेश चन्द बंगा राजकीय प्राथमिक केन्द्र पाठशाला रायपुर मैदान जिनके अधीन ये कोलका गांव की पाठशाला पड़ती है वो मौजूद थे उनके कहने पर भी सरोज का आवेदन पत्र प्रदीप कुमार की पत्नी शर्मीला द्वारा नहीं लिया गया. जब सरोज का आवेदन पत्र नहीं लिया गया तो उसने अपना आवेदन पत्र केन्द्र मुख्य शिक्षक राजकीय प्राथमिक केन्द्र पाठशाला रायपुर मैदान रमेश बंगा को ही 10/11/2025 को ठीक समय 4:45 बजे पर दे दिया.
अगले दिन 11/11/2025 को तीन बजे के बाद सरोज कुमारी की अनदेखी करके कमला देवी पत्नी बलविंदर को रख लिया गया. जबकि इस नियुक्ति के लिए मुख्य शिक्षक राजकीय प्राथमिक केन्द्र पाठशाला रायपुर मैदान रमेश बंगा ने मना भी किया और सरोज कुमारी को नियुक्त करने को कहा. सरोज ने अपने आवेदन के साथ बी पी एल व लो इनकम, विधवा, एस सी, नान इम्पलाइमैंट, बोनाफाइड सभी प्रमाण पत्र सलंगन कर रखे थे. जब 10/11/2025 आवेदन करने की तिथि थी तो आवेदन तिथि के दिन ही पाठशाला प्रबंधन समिति ने कमला देवी को ज्वाइनिंग लैटर कैसे दे दिया जब पहले ही आवेदन के लिए 10 तारीख रखी गई थी तो 10 तारीख में ही कैसे ज्वाइनिंग दे दी. पहले भी जब शर्मीला देवी की नियुक्ति की थी तब भी सरोज कुमारी को दर किनार कर दिया गया था अब दूसरी बार भी ऐसा ही किया गया है. सरोज की अनदेखी करके कमला देवी पत्नि बलविंदर को रख लिया वो भी 11/11/2025 को तीन बजे के बाद 10 तारीख की ज्वाइनिंग करवा रहे हैं जबकि साक्षात्कार की तिथि 12/11/2025 को ठीक 11 बजे सुवह रखी गई थी. जब इस बारे मुख्य शिक्षक राजकीय प्राथमिक केन्द्र पाठशाला रायपुर मैदान रमेश बंगा व सरोज कुमारी ने SMC प्रधान प्रदीप से बात करी तो उसने साफ़ कह दिया की हमने इसको नहीं रखना है अगर ये रखी जाती तो सभी उच्च जाति के बच्चे स्कुल से हट जाने थे.
सरोज कुमारी इस मीड डे मील वर्कर के लिए सभी ओपचारिक्ताएं पूरी करती है. और दस नम्बर प्राप्ती की योग्यता रखती है. SMC कमेटी व स्कुल के मुख्याध्यापक खिलाफ जालसाजी धोखाधड़ी करने व सरोज के साथ अन्याय करने खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुए की गई नियुक्ति को रद्द किया जाए व उसकी नियुक्ति करवाई जाए बारे सरोज ने एक प्रार्थना पत्र दिनाक 02 दिसम्बर को जिला उपायुक्त महोदय को दिया गया है जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही ना हुई है.
यह घटना जिला ऊना की तहसील बंगाणा की है। बंगाणा तहसील के गांव कैहलम्वी में अजय कुमार व अंकुश कुमार दोनों स्पुत्र निक्का राम रहते है और वह चमार जाति से सम्बन्धित है। दोनों भाई प्राइवेट नौकरी करते है जिसमे अजय कुमार JCB मशीन चलाता है.
बंगाणा के कैहलम्वी में 26 अक्तूबर 2025 को अजय कुमार की बुआ की लड़की की शादी थी. इस शादी में अजय कुमार नहीं आ सका था वो उस दिन जिला हमीरपुर में JCB मशीन पर काम करने गया था. इस शादी में अजय कुमार का छोटा भाई अंकुश व उसका परिवार गया हुआ था. रात को शादी में बंगाणा के दनोह गांव की राजपूत जाति से दीपू, रवि व सचिन तीनों नशे की हालत में आये. ये तीनो अंकुश के साथ हाथा पाई व गाली गलोच करने लगे. जिस पर उपरोक्त तीनो ने अंकुश को बुरी तरह से पीटा यह घटना करीब रात बजे की है. उसी समय अंकुश ने अपने भाई अजय कुमार को फोन किया जो कि शादी में ना आकर JCB मशीन पर काम करने के लिए गया हुआ था करीब दो घंटो में अजय कुमार अपने भाई अंकुश के पास पहुँच गया. जिस पर रात को ही अजय कुमार ने अंकुश को साथ लेकर पुलिस थाना बंगाणा में शिकायत दर्ज करवाई जिस पर पुलिस ने इन दोनों को सुबह आने को कहा. दुसरे दिन भी पुलिस ने अंकुश व उसके भाई अजय को दोपहर तक थाना में ही बिठा रखा और पुलिस ने बिजली के कट का हवाला देते हुए शाम को आने को कहा फिर अंकुश व उसका भाई बंगाणा अस्पताल में दवाई लेने आये तो रास्ते में अस्पताल के पास ही दीपू, रवि, सचिन उपरोक्त ने अपने साथियों सहित अंकुश व उसके भाई अजय को घेर लिया व होकी और लोहे के कड़ो से बुरी तरह से मार पीट करी व जाति सूचक गालियाँ निकाली और बोले हुन साले चमारा तेनु छड़ना नहीं मारपीट के कारण मुझको कारण अजय को सर में 5 टाँके और अंकुश को 7 टाँके लगे. पुलिस ने दोषियों खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया है पर दोषी अभी भी सरेआम हथियार लेस हो कर घूम रहे है और पीड़ित को जान से मारने की धमकियां दे रहे है.
यह घटना जिला सोलन कीतहसील नालागढ़ के गाँव सालेवाल के एक समाज सेवी की है, आज देश को आज़ाद हुए 78 वर्ष से अधिक का समय हो गया है लेकिन दलित समाज के साथ अत्याचार व भेदभाव के मामले नहीं थम रहे है बड़े ही दुःख की बात है की दलित समाज के साथ अत्याचार तो हो ही रहे है पर जो कोई भी दलित समाज के हित की बात करता है या दलित समाज के लिए लड़ाई लड़ता है उसे या तो जान से मार दिया जाता है या उसके साथ बुरी तरह से मारपीट कर प्रताड़ित किया जाता है या उसे झूठे मामलों में फसाया जा रहा है. ऐसी ही एक घटना जिला सोलन के नालागढ़ में सामने आई है. नालागढ़ में दलित समाज के लिए आवाज़ बुलंद करने वाले और दलित समाज की लड़ाई लड़ने वाले अनिल उर्फ़ लक्कीस्पुत्र कर्म चन्द के साथ अत्याचार की घटना घटित हुई है. अनिल उर्फ़ लक्की प्रोपटी डीलर का काम भी करता है.
10 अगस्त 2025 को गांव मंजोली सरसा नदी में ग्रामीण अवैध खनन का विरोध कर रहे थे जिसमे गांव वालों ने समाज सेवी होने के नाते अनिल उर्फ़ लक्की को मौका पर बुलाया जिस पर अनिल उर्फ़ लक्की ने मौका से पुलिस प्रशासन को फोन किया लेकिन पुलिस वाले एक दुसरे को बोलते रहे कि आप उसे फोन कर लो उसे कर लो अनिल उर्फ़ लक्की ने बताया कि मंजोली सरसा नदी में यहाँ अवैध खनन हो रहा था व पुल के नीचे से हो रहा था और पुल का एक पिल्लर पहले ही हिल्ल चुका है. उसके बाद 18 अगस्त को अनिल उर्फ़ लक्की के गांव सालेवाल में अवैध खनन हो रहा था जो अनिल उर्फ़ लक्की की ज़मीन के साथ ही था इस घटना बारे पुलिस थाना नालागढ़ को बताया जिस पर उन्होंने कार्यवाही करते हुए टीपर पकड़ा. इस घटना वावत तीसरे दिन अनिल उर्फ़ लक्की को विशन ठाकुर (DSP) पुलिस अधिकारी ने ऐसे खनन के मामलो से दूर रहने को कहा और पुलिस स्टेशन में भी उक्त पुलिस अधिकारी ने अनिल उर्फ़ लक्की के दोस्तों के सामने अनिल उर्फ़ लक्की को जाति तौर पर प्रताड़ित किया और कहा कि तू साले कोल्ली समाज का ठेका ले रखा है, तू टिक कर क्यों नहीं बैठता तेरे जैसे बहुत घुमते है. जिस पर अनिल उर्फ़ लक्की ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत करी है पर आज दिन तक कोई कार्यवाही अनिल उर्फ़ लक्की की तरफ से ना हुई है. उधर अनिल उर्फ़ लक्की के खिलाफ पुलिस प्रसाशन ने करीब डेड साल पुराना एक शादी की वीडियो में हथियार दिखाने का मामला बना कर अनिल उर्फ़ लक्की के खिलाफ झूठी प्रार्थमिकी दर्ज कर दी है जबकि उस दिन अनिल उर्फ़ लक्की अपने घर पर था और अपनी भाभी के जन्म दिन की पार्टी में शामिल था.
यह घटना जिला ऊना की तहसील अम्ब के गांव मैडी ख़ास की है. इस गांव में सुखराज पुत्र मंगत राम रहता है. जिसकी आयु 67 वर्ष की है. वह वन विभाग से सेवा निवृत है। वह गांव मैड़ी खास, तहसील अम्ब, जिला ऊना (हि०प्र०) का स्थाई निवासी है.
दिनांक 02-08-2025 को समय करीब 4:30 बजे शाम को जब सुखराज अपने खेतों में घास निकाल रहा था तो उसी समय उसे ट्रैक्टर से पत्थर नीचे गिरने की आवाज सुनाई दी। जब उसने खड़े होकर देखा तो रविन्दर ठाकुर अपने ट्रैक्टर ट्राली से रास्ता में पत्थर फेंक रहा था। जब सुखराज मौका पर गया तो वहाँ पर अतुल ठाकुर स्पुत्र प्यारा सिंह, श्रीमति रीना ठाकुर पत्नी अतुल ठाकुर, अमित ठाकुर स्पुत्र प्यारा सिंह थे सुखराज ने रविन्दर ठाकुर स्पुत्र धनी राम को जब रास्ता में पत्थर फेंकने का कारण पूछा तो वह सुखराज के साथ बदतमीजी पर उतर आए और कहने लगे कि हम इस रास्ता को पक्का करके ही छोड़ेंगे। जब सुखराज ने उपरोक्त अतुल ठाकुर, श्रीमति रीना ठाकुर, अमित ठाकुर व रविन्दर ठाकुर को ऐसा ना करने बारे कहा और उन्हे बताया कि यह जमीन खसरा नम्बर 647, 648, 651, 652, 658, 2104, 2105, 2145, 2146, 2148, 2149, 2150, 2151, 2152, 2153, 2154, 2156, कित्ता 17 व 639, 640, 780, 781, 782 कित्ता 5, उसकी मलकीयती भूमि है, जिस सम्बन्ध में मुकद्दमा अनुबान "सुखराज बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार आदि", माननीय अदालत कोर्ट नo 2, तहसील अम्ब, जिला ऊना (हि०प्र०) के कोर्ट में विचारीधीन है और सुखराज ने उपरोक्त सभी से कहा कि इस पर किसी प्रकार का रास्ता जबरदस्ती बना कर नाजायज कब्जा मत करो। इतनी बात सुनते ही उपरोक्त अतुल ठाकुर, श्रीमति रीना ठाकुर, अमित ठाकुर व रविन्दर ठाकुर इतने गुस्से में आ गए कि सुखराज को जोर जोर से कहने लगे कि तेरे चमार दी क्या औकात है कि तू सानू ठाकरां नू इत्थे रास्ता बनान ते रोके। हुन चमार वी साडे सामणे गल्लां करण गे और कहने लगे कि यह पी.डब्ल्यू.डी. का रास्ता है और गुस्से में आकर अतुल ठाकुर और अमित ठाकुर ने सुखराज को गले और बाजुओं से पकड़ लिया। सुखराज के खेत में लगा हुआ मजदूर, जिसका नाम करनैल सिंह पुत्र ध्यान चन्द जो कि गाँव अन्दौरा का रहने वाला है, तनाजा बढ़ता देख कर सुखराज को उपरोक्त अतुल ठाकुर और अमित ठाकुर से छुड़ाया, जिसके बाद सुखराज अपने पुत्रों को फोन करके बुलाया और स्वयं को घर ले जाने बारा आग्रह किया, इतनी देर में उपरोक्त गांव पंचायत प्रधान श्रीमति रीना ठाकुर ने कुछ ग्रामीणों को मौका पर इकट्ठा कर लिया और उपरोक्त अतुल ठाकुर, श्रीमति रीनां ठाकुर, अमित ठाकुर व रविन्द्र ठाकुर और मौका पर इकट्ठा हुए ग्रामीण सुखराज से ही गाली गलोच करने लग पड़े, मौका पर खड़े ग्रानीणों को सुखराज पहचान सकता है। जिसके बाद अनहोनी होने के डर से मौका से सुखराज के पुत्र उसे घर ले गए, ताकि उपरोक्त अतुल ठाकुर, श्रीमति रीना ठाकुर, अमित ठाकुर व रविन्दर ठाकुर और मौका पर खड़े ग्रामीण सुखराज व उसके पुत्रों के साथ किसी संगीन वारदात को अन्जाम ना दे दे। सुखराज एक हृदय रोगी हूँ। सुखराज को डर है कि उपरोक्त अतुल ठाकुर, श्रीमति रीना ठाकुर, अमित ठाकुर व रविन्दर ठाकुर कभी भी उसके साथ लड़ाई झगड़ा कर सकते हैं। श्रीमति रीना ठाकुर मौका की ग्राम पंचायत मैड़ी खास की प्रधान है, जिसका फायदा उठा कर कुछ ग्रामीणों को मौका पर इकट्ठा कर लेती है।